Thursday, June 6, 2013

साथ






तुम हो
तो मैं पूरी हूँ
आँसू भी तो आँखों का गहना होते हैं
जैसी हूँ
जहाँ हूँ
तुम्हारे साथ तो हूँ
जैसे तुम चाँद और मैं धरती
कोई देखे तो चाँदनी रात में
धरती का श्रृंगार कैसा होता है।

1 comment: