कविता लिखने की कोशिश आज तक ज़ारी है...
अपने अनुभवों को व्यक्त करना
झीनी झीनी परतों को खोलना
एक प्रक्रिया खनन की सी
जिसमें गहराई तक जाना है
रचनात्मक होना है
अपना आलोचक स्वयं होना है।
कम से कम शब्दों में अपनी
बातें पुरजोर कहनी है
इस वक्तव्य को याद करते हुए
कि कही गई कविता
अधिकतम समाज की संवेदनशीलता होती है।
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