फंदा
जिस फंदे की जकड़न में
दुनिया कसी हुई है
समय कसा हुआ है
जिसमें तुम कसे गए
और जकड़ लिए गए
उसी फंदे में
मैंने जकड दिया है
अपनी पल-पल कराहती
इच्छाओं को
रात-दिन आते भयानक
सपनों को
और उसी फंदे में
जकड़कर कस दिया है मैंने
अपने टूटते-बिखरते
साहस को
अपनी पल-पल दम तोडती
जिजीविषा को।
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