Wednesday, July 10, 2013

फंदा




जिस फंदे की जकड़न में
दुनिया कसी हुई है
समय कसा हुआ है
जिसमें तुम कसे गए
और जकड़ लिए गए
उसी फंदे में
मैंने जकड दिया है
अपनी पल-पल कराहती
इच्छाओं को
रात-दिन आते भयानक
सपनों को
और उसी फंदे में
जकड़कर कस दिया है मैंने
अपने टूटते-बिखरते
साहस को
अपनी पल-पल दम तोडती
जिजीविषा को।

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